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पटना4 घंटे पहलेलेखक: वरुण राय

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कोरोना की दूसरी लहर से बिहार में हाहाकार मचा है। राज्य में बीते 71 दिनों (एक मार्च 2021 से 10 मई तक) से कोरोना रोज 25 लोगों की जान ले रहा है। यानी 1816 लोगों की जान संक्रमण से गई है। दवा और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ने वालों की तो गिनती ही नहीं है।

पटना हाईकोर्ट नीतीश सरकार को कुव्यवस्था पर फटकार लगा रही है तो सरकारी सिस्टम से लाचार जनता विधायकों और सांसदों को क्षेत्र में खोज रही है। बेतिया जिले में लौरिया व बगहा विधायक तो गया में सांसद और नगर विधायक के गुमशुदा होने का पोस्टर लोगों ने चस्पा कर दिया है। बेतिया में अब तक 125 तो गया में 140 लोगों की जान कोरोना से जा चुकी है।

गंगा में बह रहीं लाशें
जमीन पर नहीं दिख रहे MP-MLA, विपक्ष सोशल मीडिया पर सक्रिय
वहीं, बिहार सरकार सुचारू व्यवस्था का दंभ भर रही है तो विपक्ष सरकार पर हमलावर है। हकीकत यह है कि इस संक्रमण काल में इलाके में न सत्ताधारी दल के नेता दिख रहे हैं और न विपक्ष के।

राजद नेता तेजस्वी यादव सोशल मीडिया और प्रेस रिलीज जारी कर पिछले दो महीने से बिहार सरकार की नाकामियों को तो बता रहे हैं लेकिन अपने कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद करने का आदेश नहीं दे रहे हैं। हालांकि, नौ मई की RJD सुप्रीमो लालू यादव की वर्चुअल मीटिंग के बाद नेताओं को लोगों के बीच जाकर मदद करने का आदेश दिया गया है।

वहीं, राज्य के दूसरे युवा नेता कन्हैया कुमार बिहार सरकार को छोड़कर केंद्र सरकार की विफलताओं पर हमलावर हैं, लेकिन न वे जमीन पर लोगों की मदद करते दिख रहे हैं और न उनकी पार्टी CPI। जबकि, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान न सोशल साइट पर दिख रहे हैं और न जमीन पर।

तेजस्वी सोशल मीडिया से आक्रामक, लोगों की मदद में पीछे
कोरोना की दूसरी लहर में चौपट हुई स्वास्थ्य व्यवस्था पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर जमकर हमला बोला है। ऑक्सीजन का मामला हो या दवाओं के खत्म होने का एक अप्रैल से लेकर 10 मई तक शायद ही ऐसा कोई दिन रहा है जब उन्होंने नीतीश सरकार को नहीं कोसा है।

हां, यह अलग बात है कि इन दिनों ये न जमीन पर लोगों को जागरूक करते दिखें और न कार्यकर्ताओं को जनता की सेवा करने की सलाह दी। वो लोगों की मदद करते भी नहीं दिखे।

कन्हैया बिहार छोड़, केंद्र पर साध रहे निशाना
केंद्र सरकार का मुखर विरोध करने के लिए कन्हैया कुमार जाने जाते हैं। अपनी रैलियों में गरीब और मजदूरों की बात करते हैं, लेकिन इन्होंने जमीन पर लोगों की मदद करना तो दूर बिहार सरकार की नाकामियों पर एक बार बोलना भी मुनासिब नहीं समझा।

हां इस बीच इन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। राज्य में राजनीतिक चर्चा है कि कन्हैया कुमार पिछले दिनों CM नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक के बाद राज्य सरकार पर बोलने से बच रहे हैं।

चिराग पासवान शोक और बधाई देने में व्यस्त
बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट कैंपने चलाने वाले लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान इन दिनों लापता हैं। बिहार में अप्रैल से कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई है, लेकिन इन्होंने राज्य के हालात पर एक भी बयान न सरकार के पक्ष में दिया है और न विपक्ष में।

इनके ट्वीटर एकाउंट को चेक करेंगे तो पाएंगे कि इन्होंने अप्रैल में या तो सिर्फ लोगों की मौत पर श्रद्धांजलि अर्पित की है या जयंती पर लोगों को याद किया है। वैसे 10 मई को इन्होंने अपने आपके पॉजिटिव होने की सूचना ट्‌वीट कर जारी की है। चर्चा है कि BJP के बड़े नेताओं ने जब से नीतीश सरकार पर बोलने से परहेज करने को कहा है तब से वो चुप्पी साध गए हैं।

जबकि, कुछ जानकारों का कहना हैं कि उनकी यह चुप्पी केंद्र के कैबिनेट विस्तार तक है। अगर मोदी सरकार में जगह नहीं मिलती है तो चिराग फिर आक्रामक हो सकते हैं।

आठ मई को सुपौल के त्रिवेणीगंज बुनियादी केंद्र में बने कोविड केयर सेंटर में एक कोरोना मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। आरोप है कि जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो मरीज का ऑक्सीजन लेबल 35 था, इसके बावजूद ऑक्सीजन नहीं दिया गया। बाद में मौत के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया था।

आठ मई को सुपौल के त्रिवेणीगंज बुनियादी केंद्र में बने कोविड केयर सेंटर में एक कोरोना मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। आरोप है कि जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो मरीज का ऑक्सीजन लेबल 35 था, इसके बावजूद ऑक्सीजन नहीं दिया गया। बाद में मौत के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया था।

CM नीतीश मीटिंग कर व्यवस्था चुस्त होने का करते रहे दावा
कोरोना के कोहराम के बीच बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई। चारों तरफ से हमलों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बैठक कर राज्य के हालात का जायजा ले रहे हैं। साथ ही प्रेस के सामने आकर व्यवस्था पुख्ता करने का दावा कर रहे हैं। जबकि, हालात यह है कि आज भी लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

अभी 8 मई की ही बात है। सुपौल के त्रिवेणीगंज बुनियादी केंद्र में बने कोविड केयर सेंटर में एक कोरोना मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। आरोप है कि मरीज जब अस्पताल गया तो ऑक्सीजन लेबल 35 पर आ गया था, लेकिन डॉक्टरों ने समुचित इलाज नहीं किया। मौत होने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने उसके मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया।

BJP प्रदेश अध्यक्ष तो अपनी बात मनवाने के लिए ही हमलावर रहे
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल अपनी बात नहीं मानने पर अपने ही सरकार से नाराज हो गए। दरअसल, सर्वदलीय बैठक में इन्होंने सरकार को 62 घंटे के लिए वीकेंड लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया था, लेकिन सरकार ने सिर्फ नाइट कार्फ्यू लगाया। इसके बाद जदयू के नेताओं और इनके बीच बयानबाजी शुरू हो गई।

71 दिनों में 1816 लोगों की गईं जानें
एक मार्च 2021 से 10 मई तक राज्य में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार में काफी तेजी दर्ज की गई। इस दौरान सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1816 लोगों की जान संक्रमण से गई है। वहीं, 3.39 लाख लोग पॉजिटिव हुए हैं। इस बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों से ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के साथ हॉस्पिटल संचालकों की मनमानी की खबरें भी जमकर सामने आई हैं।

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